वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२४ मई २०१५,<br />अद्वैत बोधस्थल,नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />फल कारण सेवा करे, करे न मन से काम |<br />कहे कबीर सेवक नहीं, चाहै चौगुना दाम ||<br /><br />प्रसंग:<br />स्वार्थ और परमार्थ में क्या अंतर है?<br />स्वार्थ किस मन से उठता है?<br />परमार्थ का असली अर्थ क्या है?<br />परमार्थी बने या स्वार्थी बने?